दूरसंचार साधन शिक्षा के क्षेत्र में चुनौतियां ( Challenges in Telecommunications Education )

दूरसंचार साधन शिक्षा के क्षेत्र में चुनौतियां ( Challenges in Telecommunications Education)


दूरसंचार साधन शिक्षा के क्षेत्र में चुनौतियां ( Challenges in Telecommunications Education )
दूरसंचार साधन शिक्षा के क्षेत्र में चुनौतियां 


दूरसंचार साधन शिक्षा का क्षेत्र

हमेशा से ही शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति को लेकर दूरसंचार साधन प्रमुख बिंदु के रूप में उजागर रहा है । आजकल के युग में दूर संचार साधन ( Telecommunications Education ) का विकास शिक्षा के क्षेत्र में कैसे किया जाए । यह एक महत्वपूर्ण चुनौती है । प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा के लिए विकास जारी है , लेकिन कई सारी समस्याएं एक महत्वपूर्ण विषय बनी हुई हैं । आज हम जानेंगे कि हमे शिक्षा के लिए किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है ।

Table of contents :

1 . दूरसंचार साधन की भूमिका शिक्षा के क्षेत्र में
2 . दूर संचार साधन में चुनौतियां
3 . सारांश

दूरसंचार साधन की भूमिका शिक्षा के क्षेत्र में

शिक्षा क्षेत्र में शिक्षण मशीनें कंप्यूटर हार्डवेयर , सॉफ्टवेयर , यह सारी प्रणाली एक ऐसा माध्यम बन सकती है । जो शिक्षा को कहां से कहां तक पहुंचा सकती है । हम बात करें वैदिक युग की तो तब से लेकर आज वर्तमान तक शिक्षा में अनेक तरह का दौर देखा गया है । लेकिन दूरसंचार माध्यम में यह सारी प्रणाली का उपयोग कर पाना बहुत बड़ी चुनौती है । अगर हम चाहते हैं कि समस्या का समाधान हो तो हमें आने वाली चुनौतियों जैसे कि नीति गत समस्या , आर्थिक समस्या में ज्ञान का प्रचार प्रसार और उसके प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करना , इन सारी समस्याओं पर विशेष ध्यान देना होगा।

दूर संचार साधन में चुनौतियां 

बहुत सारे विद्यालय में तकनीकी साधन प्रदान किया गया , लेकिन अध्यापक की कमी की वजह से शैक्षिक विभाग में यह कार्यरत सिद्ध नहीं हुआ । शिक्षा को एक नया दिशा निर्देश देने के लिए कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय खोला गया । वहां पर कंप्यूटर की उपलब्धता कराई गई , लेकिन बच्चों को कंप्यूटर का व्यवहारिक ज्ञान करा पाना मुश्किल सिद्ध हुआ ।


यदि हमें शिक्षा के क्षेत्र में दूर संचार साधन प्रणाली को प्रभावशाली बनाना है तो हमें निम्न बातों पर ध्यान देना होगा - 

1 . सर्वथा धन की कमी की प्राथमिकता पर ध्यान देना होगा ।

2 . जब भी विद्यालय में उचित पाठ्यक्रम का उपयोग हो तो उचित संसाधन का उपयोग होना जरुरी है।

3 . हर तरह की शिक्षा प्रणाली को आसान और सस्ती दर पर विकसित किया जाना चाहिए ।

4 . ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षक , विद्यार्थी और दूरदर्शन व कंप्यूटर जैसी सुविधाओं पर बल देना चाहिए ।

5 . यदि हम नीति गत समस्या की बात करें शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम की पाठ्यक्रम को नये ढंग से गठित किया जाना चाहिए 

6 . दूर संचार तकनीकी क्षेत्र में निरक्षरता एक बहुत बड़ी चुनौती है , क्योंकि अधिकांश विद्यालयों में यह पाया गया है कि अधिकांश विद्यार्थी एवं शिक्षक तकनीकी विचारों को सीखने में कम रुचि प्रदर्शित करते हैं ।

7 . शिक्षकों में तकनीकी साधन का प्रयोग शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को रोचक बनाने में होना चाहिए ।

8 . कई ऐसे सारे शिक्षक एवं विद्यार्थी हैं , जिनमें संसाधनों से संबंधित ज्ञान की कमी है , और वो उसका उपयोग सही तरीके से नहीं कर पाते ‌‌। काफी संकोच होने के कारण संसाधनों का प्रचार प्रसार प्रशिक्षण व्यवस्था में हो पाना काफी कठिन हो गया है ।

9 . आज के युग में हम अपनी परंपरा संस्कृति से इस तरह से जुड़े हुए हैं , कि हमें नई तकनीकी सेवा को स्वीकार करने में असहजता महसूस होती है , हमें इस संदर्भ को बदलने की आवश्यकता है क्योंकि इस तरह का विचार नवीन तकनीक के लिए उदासीनता का विषय बनेगा ।

10 . यदि बेसिक शिक्षा परिषद की बात करें तो वहां पर तकनीकी संसाधन एक प्रमुख विषय हैं । कंप्यूटर की शिक्षा या फिर कंप्यूटर माध्यम से शिक्षा दोनों ही ग्रामीण विद्यालयों में एक आर्थिक समस्या के रूप में है ।

11 . हर तरह की विषय वस्तु के लिए किसी भी तरह का दूर संचार माध्यम पर्याप्त नहीं हो सकता । इसलिए आवश्यकता के अनुसार दूरसंचार साधन का उपयोग करना चाहिए ।

12 . रेडियो और कंप्यूटर का उपयोग बाल केंद्रित शिक्षा पर अच्छा प्रभाव नहीं डालेगा , क्योंकि इसके अंतर्गत आमने सामने अन्त - क्रिया संभव नहीं है । इसलिए ' बाल केंद्रित शिक्षा ' के लिए यह एक चुनौती का विषय है ।

13 . तकनीकी विशेषज्ञ की आवश्यकता शैक्षिक कार्यों में जरूरी है , जिससे कि किसी भी उत्पादन की उचित जानकारी मिल सके , लेकिन यदि शिक्षक सामान्य है , तो यह उनके लिए एक कठिन कार्य होगा ।

14 . यदि कोई अनुदेशात्मक उद्देश्य है , तो कंप्यूटर द्वारा उन उद्देश्यों की प्राप्ति करना सर्वथा कठिन है ।

15 . व्यापक रुप से ज्ञान की प्राप्ति दूर संचार माध्यम से प्राप्त हो रही है , लेकिन इसके साथ-साथ नकल को भी बढ़ावा मिल रहा है । 

16 . प्रशिक्षित विशेषज्ञों और विद्यालय के पास किसी भी समस्या के निवारण के लिए एक उचित अनुदान जरुरी है । 

17 . विद्यालय प्रशासन के कुछ ऐसे शिक्षक है , जिनके अंदर व्यावहारिक प्रयोग का ज्ञान विकसित नहीं है ।

18 . अनुदान प्रणाली की आवश्यकता की पूर्ति और उसका प्रयोग अनुदान और मान्यता संस्थाओं के द्वारा सुनिश्चित होना चाहिए ।

19 . शैक्षिक दक्षता को शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम का एक अमूल्य अंग बनाना चाहिए ।

20 . यदि हमें शिक्षक प्रणाली में दूरसंचार साधन को एक माध्यम के रूप में उपयोग करना है , तो इनकी उपलब्धता ज्यादा होनी चाहिए और विद्यार्थी को एवं शिक्षक को यह सारी व्यवस्था आसानी से प्राप्त हो सके । अच्छे और स्मार्ट क्लास रुम की व्यवस्था जहां पर टेलीफ़ोन ,वीडियो , प्रोजेक्टर यह सारी चीजें उपयोगी संसाधन के रूप में मौजूद हो और शिक्षक एवं विद्यार्थी में तभी जागरुकता का विकास होगा जब हम एक अच्छे लैब कि स्थापना कर सकेंगे और इसके प्रति रुचि पैदा कर सकेंगे ।

इन सारी टिप्पणियों से यह पता चलता है , कि दूर संचार साधन का उपयोग कर पाना एक बहुत ही चुनौती भरा कार्य है , और इस कार्य को पूरा करने के लिए हमें दूर संचार साधन के लिए लोगों के अंदर जागरूकता पैदा करनी होगी । 

सारांश

हमें संपूर्ण साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए और शिक्षा क्षेत्र में लक्ष्य की प्राप्ति के लिए शिक्षा को अत्याधुनिक बनाना होगा। शिक्षण अधिगम प्रक्रिया दूरसंचार तकनीकी क्षेत्र में एक चुनौतीपूर्ण कार्य है । जैसा कि हम ऊपर विधिवत पढ़ चुके हैं। दूर संचार साधन में उचित सीमा और उचित तकनीकी उपयोग बहुत ही आवश्यक है ।



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